जय माँ आशापुरा - कानोड़
स्तुति :
हिंगलाजहाकहैलेजेआय, संताजदीप पहूङ्करसहाय !
ज्वालाजआवबेगीजरूर, किव्फंदकाटसंकटकरूर !!
श्रव्णेजसादसुनॊजसब्ब, आईजआदआवोजअब्ब !
नवलाखचंदनेजानिशानबर्नुजइंद्रबेठीविमान !!
हरसिद्धआवनिजसेवकहेत , खल्कुंतजालखणमालखेत !
पद्मिनीआवपातालपथ्थ , इन्द्रणीआवआकाशअथ्थ!!
जलथलेजोगणीजोतजाग, नवकलेफनेफुंकारनाग !
गूंगीज आवगिरवरगाजलूलीजआवमाँराखलाज !!
बहरीजआववन्खंडावास, गिरवराझंगरातरग्रास !
चामुंडआवमहावेगचाल, भलहलेबिंदसिन्दूरभाल !!
गुजरातदेशहूँआवगाज, आरास्थानहूँअम्बआज !
हल्क्कारआवमहाचक्रहाथ, ललकारदुष्टकोमारलात !!
कल्कारकरूंजयकारकाज, रणन्कार पावराणेसुराज !
बणड़ालजालबेठीसुबालडरहरेडून्गरेमहाडनड़ाल !!
भमरीश आवभगतासुभायधन्नॊपजोगणीबेगधाय !
करणीजकालिकाकष्टकापजरणीजबालकाजपूँजाप !!
जापजपूँजरणीजगत , भगतउद्धारणभाय!
संकटनिवारणसेवगा, गुणआइलयहगाय !!
नमो आवरी विश्व व्यापी भवानी, आशापुरा मात तू ही राजरानी !
तू ही शैल पुत्री गले हेम हारं , कर में कृपाण सुविज्ञान सारं !!
सिज्जित अनेकं सुशोभित तुम्हारे महिषा सुरादी छीन मध्य मारे !
तू ही डाकिनी शाकिनी दिव्य ज्योति,ललाटं प्रकाशम् मणि हीर मोती !!
गदा पद्म शंखं त्रिशूलं सुधारी, गर्जत वाहन शादल हकारी!
भयनाशिनी तुम रणे रुंडमालम, सहायं सदानंद संसार पालम !!
चराचर विश्व आधार तू ही, नारायणी रूप ब्राह्मणी तू ही !
तू ही शांति रूपेण त्रेलोक्य तारो, तू ही क्रोध रूपेण असुर संहारों !!
तू ही लक्ष्मी रूपेण धनाय दीनो , तू ही बुद्धि रूपेण कोविद कोनो !
तू ही नारसिंही नृसिंह रूप धारयो , तू ही चंडमुंड हुको गर्व गारयो !!
तू ही उग्रदंती तू ही शुभ केशी , तू ही देत्य नाशाय देवी हितेषी !
दारिद्र दुख भय हारिणी तू , स्तुति भक्त हर्षे दया धारिणी तू !
मेधांशी विदितो खिल शास्त्र सारं , भगवती श्रेष्ट भव सिन्धु तारम !!
बधे रक्त बीजं नमो भद्र काली निशुम्भ मथनेशु दुर्गा विशाली !
सोभाग्य आरोग्य देहि तू देवी , जीवर के उद्धार ताहि कु सेवी !!
पद्मासना देवी कमला सु रूपं, धारण तुम कोमादी रूपं अनुपम !
नमस्ते महा रूद्र दुर्गे भवानी , नमस्ते त्रिवेणी गिर वाक् वाणी !!
तू ही भूचरी खेचरी योग माया , करती निरंतर दीनो पे दाया !
माहेश्वरी तेरी अपार माया कहीं तीव्र धुप कहीं सब्ज छाया !!
ज़मी आसमा द्वीप तेने रचाया , व्यवहार संसार ही को बनाया !
विनती सुनावे आत्मज तुम्हारो, ममद्रोहियों को जड़ वंश मारो !!
भवदधि बीच तरनी सु तारो , दुख मोचनी तुम विश्व विचारो !
स्तुति तेरी किम मन मोद पावे , यदि होय पापी सुरंगा सिधावे !!
श्रुति संत पुराण दुर्गा सुध्यावे , जोरावर स्तुति कर जोर गावे !!!
(छंद-भुजंग प्रयास )
(गीत सपेक्षरो)
जाग जाग जंगा जीत तू तो सूती कई जोगमाया |
आपरा बालकां यह काम पड्यो आज ||
भेंसासरी इशवरी सेवागांरी चढो भीर |
लूंडा चाले लागा मासूं लोपे ऊभा लाज ||
धाय धाय महंमाय इहणारी धरा काज |
आशापुरा एलवाजी आपतणी आश ||
सांता दीपतणी माता माहरी तू भिरे चढो |
संतापे दूतियाँ जांरो घालो सत्यानाश ||
बीस हती बीस रूप बीस ही आयुधा वाली |
कंकाली कमाली काली करंती किलोल ||
तान में बजाती ताली त्रटकारा टूंकवाली |
जोवनां झांझरावाली जोगण्या छे जूल ||
जंत्र मंत्र तंत्र माहे आपरी अखंड जोत |
होम जाप नवॆ दुर्गा धारियां आरोध ||
चेत चेत चेत चण्डी चामुंडा स्वरुप चेत |
खोटी मारी करे ज्यांरी काढ़ो जडां खोद ||
गिरंदारां घोखांवाली गूगराघमक वाली |
तोकियां त्रिशूल वाली घोराती त्रम्बाल ||
आबुरां शिखरां वाली वेगसू उताली आवो |
चोधे धादे शत्रुवांरी कारोवा संभाल ||
काशीरा कपाटां वाली कमंख्याँ कामरूं वाली |
पावा गढ़ तणी राणी प्रथी में प्रसिद्ध ||
सात दीप नवॆ खंड़ां सकंङां समंद वाली |
ज्वालावाली आप कियां दानावासु जुद्ध ||
रेणवाली रखवाली रेणवासू सदाराजी |
कवी जसी कहे तसी सुनीणे कवेश ||
हेतु मारा होवे ज्यांरे पंचाण लक्ष्मी होवे |
द्रोही मारा होवे जाने करीज्यो दवेश ||